पंचायत में इतिहास रचने में खापों ने निभाई अहम भूमिका

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- पंचायत में इतिहास रचने में खापों ने निभाई अहम भूमिका
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मुजफ्फरनगर। किसान आंदोलनों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेने वाली बालियान व गठवाला खाप के अलावा बत्तीसा, देशखाप, कालखंडे व लाटियान खाप ने एक बार फिर अपनी ताकत दिखा दी है। महापंचायत में शामिल होने के लिए बड़ी संख्या में किसान जीआईसी मैदान पहुंचे। लालूखेड़ी से मुजफ्फरनगर तक काफिले के रूप में खापों के लोग पहुंचें। किसान महापंचायत में शामिल होने के लिये खाप के अधिकतर किसान और खाप चौधरी लालूखेड़ी में एकत्र हुए और वहां से एक साथ काफिला रवाना हुआ।
आपको बता दें कि गठवाला खाप के चौधरी राजेंद्र सिंह, बीजेपी विधायक उमेश मलिक प्रकरण को लेकर नरेश टिकैत से खफा थे और वे आज की महापंचायत में शामिल भी नहीं हुए लेकिन गठवाला खाप के कई थांबेदारों ने आज काफी जोरशोर से पंचायत में भाग लिया। गठवाला खाप के भी हज़ारों किसान आज पंचायत में शामिल हुए। गठवाला खाप चौधरी राजेंद्र मलिक को केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान और बीजेपी विधायक उमेश मलिक का करीबी भी माना जाता है। महापंचायत में शामिल होने के लिये कुछ किसान लालूखेड़ी के रास्ते पहुंचे, जबकि खाप के हज़ारों किसान बुढ़ाना से मुजफ्फरनगर पहुंचे और किसान महापंचायत में जोरदार तरीके से अपनी भागीदारी निभाई। किसान पंचायत में गठवाला खाप की भूमिका भी महत्वपूर्ण रही है। करमूखेड़ी आंदोलन से लेकर दिल्ली के बॉर्डर पर चल रहे आंदोलन में भी खाप के लोगों ने महत्वपूर्ण योगदान दिया है। गठवाला खाप के चौधरी राजेंद्र मलिक ने पहले ही घोषणा कर दी थी कि वह खुद महापंचायत में शामिल नहीं होंगे। यह उनका निजी फैसला है, लेकिन खाप के लोग स्वतंत्र हैं और महापंचायत में शामिल हो सकते हैं। उनकी तरफ से किसी को भी मनाही नहीं है, इसीलिये चौधरी राजेन्द्र मलिक महापंचायत में नहीं आये और उनके स्थान पर गठवाला खाप के थाम्बेदार बाबा श्याम सिंह बहावड़ी महापंचायत में शामिल हुए। उन्हें महापंचायत की अध्यक्षता करने का सम्मान भी दिया गया। महापंचायत में पहुंचे भाकियू नेता अनिल मलिक ने बताया कि पुरा महादेव से खाप चौधरी आजाद मलिक के अलावा थांबेदार श्याम सिंह बहावड़ी, चौधरी रविंद्र सिंह, रविंद्र सिंह सोहंजनी, अजब सिंह खरड़ समेत अन्य खाप चौधरियों की अगुवाई में खाप के लोग महापंचायत में शामिल हुए। भाकियू नेता ओमपाल मलिक ने कहा कि गठवाला खाप ने हमेशा की तरह सबसे खास भूमिका निभाई, पहले भी किसान आंदोलन में सबसे बड़ी भागीदारी गठवाला की रही हैं और आज भी बडी संख्या में किसान पंचायत में पहुंचकर बालियान खाप के साथ अपनी एकजुटता दिखाई है।
महापंचायत में लाटियान खाप के चौधरी वीरेंद्र लाटियान ने कहा कि किसानों के लिए संघर्ष जारी रहेगा। गठवाला खाप के थांबेदार श्याम सिंह बहावड़ी ने कहा कि किसानों के लिए निर्णायक फैसले की घड़ी है। किसान के भविष्य का सवाल है। वर्तमान की जरूरत एकता की है। खाप किसानों के साथ खड़ी है। भैंसवाल की बत्तीसा खाप के चौधरी सूरजमल ने कहा कि खाप महापंचायत के लिए बत्तीसा खाप ने पूरी ताकत झोंक रखी थी और आज किसान अगर नहीं जागे, तो पीढिय़ां बर्बाद हो जाएंगी। इसलिए किसानों को एकजुट होना पड़ेगा।
बड़ौत देशखाप के चौधरी सुरेंद्र सिंह ने कहा कि किसान बिरादरी के स्वाभिमान का सवाल है। किसानों को एकजुट होकर आगे बढऩा होगा। किसान मोर्चा का फैसला मान्य होगा। देशवाल खाप के चौधरी शरणवीर सिंह ने कहा कि आंदोलन किसान के सम्मान की लड़ाई बन गया है। किसान हितों के लिए सबको एकजुट होकर संघर्ष करना होगा। किसान ही अगर परेशान होगा तो कोई कौम खुश नहीं रह सकती। कालखंडे खाप के चौधरी संजय सिंह ने कहा कि किसान बेहद लाचार है। खेती करना महंगा हो गया है। डीजल के दाम बढ़ गए हैं। किसान की आय बढ़ानी है तो फसलों का रेट बढ़ाना होगा। इसके अलावा महापंचायत में बोलते हुए युवा भाकियू नेता गौरव टिकैत ने कहा कि लड़ाई फसल और नस्ल बचाने की है। नौ महीने से किसान बॉर्डर पर पड़े हैं, लेकिन सरकार ने सुध नहीं ली। पूंजीपतियों के हाथ की कठपुतली बन चुकी सरकार को किसानों की चिंता नहीं है।
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