भारत से आकाश तक के लिये शुरू होगा सफ़र. धरती से 35 KM ऊपर आकाश में 1 घंटे बिता सकेंगे लोग
भारत की एक कंपनी अब गुब्बारे के जरिए पर्यटकों को अंतरिक्ष की सैर कराएगी। एलन मस्क की स्पेस एक्स से प्रेरित होकर मुंबई स्थित स्पेस औरा एयरोस्पेस टैक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड कंपनी ने इसके लिए दस फीट गुणा आठ फीट परिमाप का स्पेस कैप्सूल या स्पेसशिप बनाना शुरू कर दिया है, जिसमें पायलट के अलावा एक […]

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- भारत से आकाश तक के लिये शुरू होगा सफ़र. धरती से 35 KM ऊपर आकाश में 1 घंटे बिता सकेंगे लोग
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भारत की एक कंपनी अब गुब्बारे के जरिए पर्यटकों को अंतरिक्ष की सैर कराएगी। एलन मस्क की स्पेस एक्स से प्रेरित होकर मुंबई स्थित स्पेस औरा एयरोस्पेस टैक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड कंपनी ने इसके लिए दस फीट गुणा आठ फीट परिमाप का स्पेस कैप्सूल या स्पेसशिप बनाना शुरू कर दिया है, जिसमें पायलट के अलावा एक बार में छह पर्यटक बैठकर अंतरिक्ष तक जा सकेंगे।
स्पेस कैप्सूल पृथ्वी के उपर 35 किलोमीटर के दायरे में ही रहेगा। देहरादून में एक विश्वविद्यालय में चल रही विज्ञान प्रदर्शनी आकाश तत्व में कंपनी ने असली स्पेस कैप्सूल एसकेएपी वन का प्रोटोटाइप भी पेश किया जिसे वैज्ञानिकों और आम जनता दोनों की जबरदस्त प्रतिक्रिया मिली है। स्पेस आरा के संस्थापक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी आकाश पोरवाल ने बताया कि कंपनी ने अपनी अंतरिक्ष उड़ान शुरू करने के लिए 2025 का लक्ष्य निर्धारित किया है ।
इन दो जगहों से मिलेगा फ्लाइट
अंतरिक्ष उड़ान शुरू करने के लिए कर्नाटक और मध्यप्रदेश में दो स्थान चिन्हित किए गए हैं। इसरो और टाटा मूलभूत अनुसंधान संस्थान के पूर्व वैज्ञानिकों की सहायता से कंपनी समय से लक्ष्य पूरा करने में जुटी हुई है। जरूरी आधुनिक सुविधाओं, जीवन रक्षक और संचार प्रणाली से लैस स्पेस कैप्सूल को हाइड्रोजन या हीलियम गैस से भरे स्पेस बैलून की सहायता से समुद्र तल से 30-35 किमी उपर ले जाया जाएगा जहां पर्यटक एक घंटे तक पृथ्वी की सतह और अंतरिक्ष का नजदीक से दीदार करने के साथ ही उसे महसूस भी कर सकेंगे।
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यह कहानी एक कंप्यूटर प्रोग्राम द्वारा ऑटो-एग्रीगेट की गई है और इसे Vews.in टीम द्वारा बनाया या संपादित नहीं किया गया है।
सोर्स: यूआरएल
प्रकाशक: GulfHindi
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