इजरायल का ईरान पर हमला: परमाणु स्थलों और आम लोगों के रिहायशी ठिकानों पर कार्रवाई, विश्व नेताओं की प्रतिक्रिया

इजरायल और ईरान के बीच बढ़ते तनाव पर नवीनतम अपडेट, जिसमें सैन्य हमले, परमाणु स्थल, और विश्व नेताओं की प्रतिक्रिया शामिल है।

इजरायल का ईरान पर हमला: परमाणु स्थलों और आम लोगों के रिहायशी ठिकानों पर कार्रवाई, विश्व नेताओं की प्रतिक्रिया
इजरायल का ईरान पर हमला

दिनांक 13 जून 2025, सुबह 10:24 बजे (IST +03) के समय, मध्य पूर्व में एक अभूतपूर्व घटना ने विश्व की निगाहें अपनी ओर खींच ली हैं। इजरायल ने ईरान के कई परमाणु और सैन्य स्थलों पर हवाई हमले किए हैं, जिसमें शीर्ष सैन्य अधिकारियों और परमाणु वैज्ञानिकों की हत्या की खबरें भी शामिल हैं। अल जज़ीरा अंग्रेजी द्वारा प्रकाशित एक लाइव अपडेट के अनुसार, इस हमले ने क्षेत्रीय तनाव को नई ऊंचाइयों पर पहुंचा दिया है। ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने इजरायल को "गंभीर सजा" की चेतावनी दी है, जिससे आशंका बढ़ गई है कि यह संघर्ष और गहरा सकता है।

हमले का विवरण और परिणाम

अल जज़ीरा की रिपोर्ट के अनुसार, इजरायल ने नतांज, इस्फahan और अराक जैसे प्रमुख परमाणु केंद्रों को निशाना बनाया, जहां परमाणु संवर्धन गतिविधियां संचालित की जाती थीं। इस हमले में ईरान के सैन्य प्रमुख और क्रांतिकारी गार्ड्स के कमांडर सहित कई वरिष्ठ अधिकारियों की मौत हुई है। बीबीसी न्यूज के लाइव कवरेज में बताया गया कि इस कार्रवाई से वैश्विक तेल की कीमतों में 10% से अधिक की वृद्धि हुई है, क्योंकि व्यापारी क्षेत्र में आपूर्ति में व्यवधान की आशंका जता रहे हैं।

इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि ये हमले ईरान के परमाणु कार्यक्रम, बैलिस्टिक मिसाइलों और सैन्य क्षमताओं को निशाना बनाने के लिए जारी रहेंगे, जब तक कि जरूरी न हो। इस बीच, अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने स्पष्ट किया कि संयुक्त राज्य अमेरिका इस हमले में शामिल नहीं है, लेकिन ईरान को अमेरिकी ठिकानों पर हमले से बचने की चेतावनी दी है।

विश्व नेताओं की प्रतिक्रियाएं

इस घटना ने वैश्विक नेताओं को अपनी प्रतिक्रिया देने के लिए मजबूर कर दिया है। नीचे कुछ प्रमुख देशों के नेताओं और विदेश मंत्रियों के बयानों को ट्वीट के माध्यम से प्रस्तुत किया गया है:

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विश्लेषण: खामेनेई का बयान ईरान की पारंपरिक जवाबी कार्रवाई की नीति को दर्शाता है, जो 2020 में अमेरिकी ठिकानों पर मिसाइल हमलों में देखी गई थी।

विश्लेषण: नेतन्याहू का बयान इजरायल की रणनीति को दर्शाता है, जो ईरान को परमाणु शक्ति बनने से रोकने के लिए दीर्घकालिक कार्रवाई की योजना बना रहा है।

विश्लेषण: अमेरिका का तटस्थ रुख संदेहास्पद है, क्योंकि पिछले दशकों में इजरायल के साथ उसकी खुफिया साझेदारी मजबूत रही है।

विश्लेषण: सऊदी अरब की मध्यस्थता की पेशकश, मई 2025 में ईरान के साथ बातचीत के उसके प्रयासों के अनुरूप है, जैसा कि रॉयटर्स ने रिपोर्ट किया।

विश्लेषण: पाकिस्तान का बयान उसके परमाणु शक्ति के रूप में अपनी स्थिति को रेखांकित करता है, हालांकि यह प्रतिक्रिया पिछले नकली समाचारों से प्रेरित रही है।

विश्लेषण: ब्रिटेन का बयान संयुक्त राष्ट्र के नेतृत्व में शांति प्रक्रिया को बढ़ावा देने की उसकी पारंपरिक नीति को दर्शाता है।

भविष्य के परिदृश्य और विश्लेषण

विशेषज्ञों का मानना है कि ईरान की जवाबी कार्रवाई में देरी हो सकती है, क्योंकि उसके शीर्ष नेतृत्व और वैज्ञानिकों के नुकसान से संगठनात्मक क्षमता में 20% तक की कमी आ सकती है, जैसा कि जर्नल ऑफ कन्फ्लिक्ट रिजॉल्यूशन (2021) में प्रकाशित एक अध्ययन में उल्लेख किया गया है। इसके अलावा, सऊदी अरब और अन्य क्षेत्रीय शक्तियों की मध्यस्थता की पेशकश इस संकट को नियंत्रित करने में महत्वपूर्ण हो सकती है।

हालांकि, यदि ईरान अपनी परमाणु क्षमताओं को पुनर्जनन करने में सफल होता है, तो यह क्षेत्रीय शक्ति संतुलन को और जटिल बना सकता है। वैश्विक समुदाय के लिए यह आवश्यक है कि वह तत्काल कदम उठाए और शांति वार्ता को प्राथमिकता दे।

निष्कर्ष

इजरायल और ईरान के बीच यह नवीनतम टकराव मध्य पूर्व में शांति के लिए एक गंभीर चुनौती है। विश्व नेताओं की प्रतिक्रियाएं और उनकी कूटनीतिक पहल इस संकट के भविष्य को आकार देगी। हम अल जज़ीरा और अन्य समाचार स्रोतों के लाइव अपडेट्स पर नजर बनाए हुए हैं और आपको नवीनतम जानकारी प्रदान करते रहेंगे।

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Furkan S Khan Verified Media or Organization • 05 Aug, 2014

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2013 से खाड़ी देशों में बसे भारतीयों की ज़िंदगी से पर्दा उठा रहे हैं। प्रवासियों की आवाज़ बेखौफ़ उठाते हैं। हमारे साथ जुड़ें, सच्ची ख़बरों के लिए।