फिलिस्तीन को मान्यता: सितंबर 2025 में यूके, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया और अन्य देशों का ऐतिहासिक कदम | Palestine Recognition 2025
सितंबर 2025 में फिलिस्तीन को कई प्रमुख देशों ने राज्य के रूप में मान्यता दी है। जानिए यूके, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, फ्रांस और अन्य के फैसलों का पूरा विश्लेषण, कारण और प्रभाव। Palestine Recognition September 2025 की ताजा खबरें।
परिचय: फिलिस्तीन के लिए नई उम्मीद की किरण
सितंबर 2025 का महीना मध्य पूर्वी राजनीति के लिए एक मील का पत्थर साबित हो रहा है। संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA 2025) के दौरान कई प्रमुख देशों ने फिलिस्तीन को पूर्ण राज्य के रूप में मान्यता देने का ऐतिहासिक फैसला लिया है। इनमें यूनाइटेड किंगडम (यूके), कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, फ्रांस, बेल्जियम, लक्जमबर्ग, माल्टा और एंडोरा जैसे देश शामिल हैं। यह कदम गाजा में चल रहे युद्ध और मानवीय संकट के बीच आया है, जो इजरायल की नीतियों के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय समुदाय की बढ़ती नाराजगी को दर्शाता है।
यह मान्यता फिलिस्तीनी प्राधिकरण के लिए एक बड़ी कूटनीतिक जीत है, जो दशकों से चल रही स्वतंत्रता की लड़ाई में एक महत्वपूर्ण मोड़ है। फिलिस्तीन अब 151 संयुक्त राष्ट्र सदस्य देशों द्वारा मान्यता प्राप्त राज्य बन चुका है, जो कुल 193 सदस्यों का 78% से अधिक है। लेकिन सवाल यह है कि क्या यह कदम शांति की दिशा में एक वास्तविक बदलाव लाएगा? आइए इसकी गहराई से पड़ताल करते हैं।
किन देशों ने सितंबर 2025 में फिलिस्तीन को मान्यता दी?
इस महीने की शुरुआत में UNGA सत्र के दौरान कई घोषणाएं हुईं। यहां एक नजर डालते हैं प्रमुख देशों पर:
- यूनाइटेड किंगडम (UK): 21 सितंबर को यूके ने औपचारिक रूप से फिलिस्तीन को राज्य के रूप में मान्यता दी। प्रधानमंत्री कीयर स्टार्मर ने कहा, 'यह कदम इजरायल-फिलिस्तीन शांति प्रक्रिया को मजबूत करेगा।' यह फैसला अमेरिका से अलगाव का संकेत है।
- कनाडा: कनाडा ने भी उसी दिन घोषणा की, जो G7 देशों में पहली बार फिलिस्तीन को मान्यता देने वाला कदम है। प्रधानमंत्री मार्क कार्नी ने इसे 'मानवीय संकट का अंत' बताया।
- ऑस्ट्रेलिया: ऑस्ट्रेलिया ने फिलिस्तीनी सीमाओं को 1967 पूर्व की स्थिति के अनुसार स्वीकार किया, पूर्वी जेरूसलम को राजधानी मानते हुए। यह निर्णय फिलिस्तीनी प्राधिकरण के सुधारों पर आधारित था।
- फ्रांस: राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने जुलाई से घोषणा की थी, और सितंबर में इसे अमल में लाया गया। फ्रांस ने सऊदी अरब के साथ मिलकर UN में एक सम्मेलन आयोजित किया था।
- बेल्जियम, लक्जमबर्ग, माल्टा और एंडोरा: इन यूरोपीय देशों ने UNGA के दौरान सामूहिक घोषणा की, जो गाजा युद्ध के खिलाफ एकजुटता दिखाती है। बेल्जियम ने कुछ शर्तों के साथ मान्यता दी।
- पुर्तगाल और न्यूजीलैंड: पुर्तगाल ने 21 सितंबर को और न्यूजीलैंड ने हाल ही में घोषणा की, जो आने वाले दिनों में अमल में आएगी।
ये घोषणाएं जुलाई 2025 के फ्रेंच-सऊदी सम्मेलन के बाद आईं, जहां गाजा युद्ध समाप्ति और फिलिस्तीनी राज्य की स्थापना पर चर्चा हुई।
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अप्लाई करेंPortugal reconhece oficialmente o Estado da Palestina.
“Portugal preconiza a solução de dois Estados como a única via para uma paz justa e duradoura”, afirmou o Ministro de Estado e dos Negócios Estrangeiros, ao anunciar em Nova Iorque a Declaração Oficial de Reconhecimento. pic.twitter.com/EQfjwE5L69 — República Portuguesa (@govpt) September 21, 2025
इस फैसले के पीछे के कारण: गाजा संकट और अंतरराष्ट्रीय दबाव
गाजा में इजरायल-हमास युद्ध 2023 से चला आ रहा है, जिसमें हजारों फिलिस्तीनी मारे गए हैं। 2025 में मानवीय संकट गहरा गया, जिससे यूरोपीय संघ और G7 देशों में नाराजगी बढ़ी। संयुक्त राष्ट्र के विशेषज्ञों ने सभी सदस्य देशों से फिलिस्तीन को मान्यता देने की अपील की थी।
Today, to revive the hope of peace for the Palestinians and Israelis, and a two state solution, the United Kingdom formally recognises the State of Palestine. pic.twitter.com/yrg6Lywc1s — Keir Starmer (@Keir_Starmer) September 21, 2025
अमेरिका ने फिलिस्तीन की UN सदस्यता पर वीटो लगाया, लेकिन उसके सहयोगी देश अब अलग रास्ता अपना रहे हैं। यूके के पीएम स्टार्मर ने अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप से असहमति जताई। फ्रांस और सऊदी के सम्मेलन ने इस प्रक्रिया को गति दी।
"यह मान्यता शांति की दिशा में एक कदम है, लेकिन इजरायल को भी जिम्मेदार बनना होगा।" - फिलिस्तीनी प्राधिकरण के प्रवक्ता
इजरायल की प्रतिक्रिया: नाराजगी और चेतावनी
इजरायल ने इन घोषणाओं को 'एकतरफा' बताते हुए निंदा की। प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा, "फिलिस्तीनी राज्य कभी स्थापित नहीं होगा।" इजरायल का मानना है कि यह हमास को मजबूत करेगा। अमेरिका ने भी समर्थन किया, लेकिन उसके सहयोगी अलग हो गए।
Today, Canada recognises the State of Palestine. pic.twitter.com/zhumVJRBfe — Mark Carney (@MarkJCarney) September 21, 2025
इसके बावजूद, फिलिस्तीनी अधिकारियों ने इसे 'सही दिशा में कदम' बताया।
वैश्विक प्रभाव: फिलिस्तीन के भविष्य पर नजर
यह मान्यता फिलिस्तीन को UN में पूर्ण सदस्यता की दिशा में धकेल सकती है। आर्थिक सहायता बढ़ेगी, और दो-राष्ट्र समाधान मजबूत होगा। लेकिन चुनौतियां बरकरार हैं: इजरायल की बस्तियां, पूर्वी जेरूसलम का मुद्दा।
| देश | मान्यता तिथि | शर्तें |
|---|---|---|
| यूके | 21 सितंबर 2025 | शांति प्रक्रिया पर आधारित |
| कनाडा | 21 सितंबर 2025 | PA सुधार |
| ऑस्ट्रेलिया | 21 सितंबर 2025 | 1967 सीमाएं |
| फ्रांस | सितंबर 2025 | UN सम्मेलन |
विशेषज्ञों का मानना है कि 2025 के अंत तक और देश शामिल हो सकते हैं।
निष्कर्ष: शांति की ओर एक कदम
सितंबर 2025 की ये घोषणाएं फिलिस्तीन के लिए नई उम्मीद जगाती हैं। लेकिन सच्ची शांति के लिए इजरायल, फिलिस्तीन और अंतरराष्ट्रीय समुदाय को संवाद करना होगा। क्या यह कदम मध्य पूर्व में नया युग शुरू करेगा? समय बताएगा।
#Statement | The Kingdom of Saudi Arabia welcomes the recognition of the State of Palestine by the United Kingdom, Australia, Canada, and Portugal. This recognition underscores the serious commitment of friendly countries to supporting the peace process and advancing the… pic.twitter.com/n7gUJfUc3A — Foreign Ministry 🇸🇦 (@KSAmofaEN) September 21, 2025
अधिक अपडेट के लिए बने रहें। Palestine Recognition 2025 पर नजर रखें।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न 5
Furkan S Khan Verified Media or Organization • 05 Aug, 2014
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