डीएम के हडकाने पर एमजी पब्लिक स्कूल से मिली बच्चे की टीसी, स0 गोयल के खिलाफ युवती ने खोला मोर्चा

REPORTER
May 19, 2022 - 10:49
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मुजफ्फरनगर। एमजी पब्लिक स्कूल से अपने बेटे की टीसी लेने के  लिये संघर्ष कर रही रीमा सिंघल को आखिरकार एक माह बाद सफलता मिली है। जिलाधिकारी चन्द्रभूषण सिंह के हडकाने पर एमजी पब्लिक स्कूल की प्रधानाचार्या मोनिका गर्ग ने टीसी दे दी है। इस मामले में रीमा सिंघल ने डीएम के साथ ही समस्त मीडिया का भी उसके संघर्ष में साथ देने पर आभार जताया। रीमा सिंघल ने एमजी पब्लिक स्कूल कमैटी के कालातीत चेयरमैन सतीश गोयल के खिलाफ आर-पार की लडाई की घोषणा कर दी है। रीमा सिंघल का कहना है कि सतीश गोयल ने उनकी निजी जिदंगी पर लांछन लगाये हैं, तो वह भी अब सतीश गोयल को उसी भाषा में जवाब देने के लिये मैदान में उतर गई है।

थाना नई मंडी कोतवाली क्षेत्र के मोहल्ला द्वारिकापुरी निवासी रीमा सिंघल ने आज रुड़की रोड स्थित एक होटल में प्रेसवार्ता आयोजित की, जिसमें रीमा सिंघल ने एमजी पब्लिक स्कूल में उनके बेटे की टीसी को लेकर चल रहे विवाद का निपटरा कराने के साथ ही टीसी दिलाने के लिये जिलाधिकारी चंद्रभूषण सिंह का धन्यवाद ज्ञापित किया। उन्होंने मीडिया का भी आभार जताया है। रीमा सिंघल ने बताया कि बीते माह उन्होंने जिलाधिकारी से अपने बेटे की जान की सुरक्षा और टीसी दिलाने की गुहार लगाई थी। जिलाधिकारी ने इस संबंध में निष्पक्ष जांच करवाई तथा उनके बेटे की टीसी दिलवाने में पूरी सहायता की। उन्होंने एमजी पब्लिक स्कूल कमैटी के कालातीत चेयरमैन सतीश गोयल पर आरोप लगाते हुए कहा कि सतीश गोयल ने उन पर गलत आरोप लगाए है, जो सही नही है। उन्होंने कहा कि सतीश गोयल को इस तरह के आरोप-प्रत्यारोप नहीं लगाने चाहिए, वह इसका जवाब देंगी। उनके परिवार से उनके कैसे संबंध है, इसके बारे में सतीश गोयल को ब्यौरा देने की जरुरत नही है। रीमा सिंघल ने कहा कि वह सतीश गोयल के खिलाफ कल से कानूनी कार्रवाई शुरु कर देंगी और अब आरपार की लडाई लडेंगी।

उन्होंने कहा कि मेरे साथ आज उस स्कूल से सेवानिवृत्त हुए कुछ अध्यापक भी मौजूद है, जिन्होंने एमजी पब्लिक स्कूल पर नाइंसाफी का आरोप लगाया है। एमजी पब्लिक स्कूल से सेवानिवृत्त अध्यापिका ऊषा गुप्ता ने भी एमजी पब्लिक स्कूल पर आरोप लगाते हुए कहा कि सेवानिवृत्ति के दौरान उनके साथ भी नाइंसाफी की गई है। उन्होंने एमजी पब्लिक स्कूल में हिंदी की अध्यापिका के रुप में सेवा दी, लेकिन सेवानिवृत्ति के दौरान उन्हें उनके अधिकारों से वंचित कर दिया गया। उन्होंने कहा कि सेवानिवृत्त के दौरान उनके लिए कोई भी पेंशन की सुविधा नही दी गई, जबकि उनसे पहले जो अध्यापक स्कूल से सेवानिवृत्त हुए उनको स्कूल की ओर से अच्छी सुविधा मुहैया कराई गई थी। उनका कहना है कि अपने कार्यकाल को पूरा किया, लेकिन सेवानिवृत्त के वक्त उनको पेंशन की सुविधा उपलब्ध नहीं कराई गई।

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Kawal Hasan Kawal Hasan is a well-known journalist in the world of journalism, who spends his valuable time writing for our platform. Join Vews.in to deliver your message to the Indian expatriates in the world